ॐ नम: शिवाय
-रुद्राभिषेक के प्रकार:
हर तरह के दुखों से छुटकारा पाने के लिए भगवान शिव का जल से अभिषेक करें
भगवान शिव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दूध से अभिषेक करें
अखंड धन लाभ व हर तरह के कर्ज से मुक्ति के लिए भगवान शिव का घी शहद फलों के रस से अभिषेक करें
ग्रहबाधा /शत्रु बाधा नाश हेतु भगवान शिव का सरसों के तेल से अभिषेक करें
किसी भी शुभ कार्य के आरंभ होने व कार्य में उन्नति के लिए भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें
तंत्र बाधा नाश हेतु व बुरी नजर से बचाव के लिए भगवान शिव का काले तिल से अभिषेक करें
संतान प्राप्ति व पारिवारिक सुख-शांति हेतु भगवान शिव का शहद मिश्रित गंगा जल से अभिषेक करें
रोगों के नाश व लम्बी आयु के लिए भगवान शिव का घी व शहद से अभिषेक करें
आकर्षक व्यक्तित्व प्राप्ति हेतु भगवान शिव का कुमकुम केसर हल्दी से अभिषेक करें
रुद्र अभिषेक का आयोजन सिद्ध पुजारियों या प्रकांड विद्वानों द्वारा वैदिक पध्दति से किया जाता है। इसमें प्रारम्भ गंगा जल से होता है और गंगा जल के साथ अन्य तरह के पदार्थ से अभिषेक किया जाता है शिवलिंग को स्नान कराने के बाद अभिषेक के लिए आवश्यक सभी सामग्री शिवलिंग पर अर्पण की जाती है। अंत में, भगवान को विशेष व्यंजन अर्पित किए जाते हैं और आरती की जाती है। अभिषेक से एकत्रित गंगा जल को भक्तों पर छिड़का जाता है यह पवित्र जल सभी पाप और बीमारियां को दूर कर देता हैं। रूद्राभिषेक की संपूर्ण प्रक्रिया में उपस्थित भक्तो को मन ही मन या धीरे धीरे रूद्राम या 'ओम नम: शिवाय' का जाप किया जाता है।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
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